प्रदूषण जांच केन्द्र
केन्द्रीय मोटर यान नियम, 1989 के नियम 115(7) के प्रावधानों को लागू करने के प्रयाजनार्थ वाहन जनित प्रदूषण को नियंत्रित करने एवं प्रदूषण जांच केन्द्रों को प्राधिकृत करने एवं उनके कार्य संचालन की प्रक्रिया निर्धारित करने हेतु इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा निम्नलिखित स्कीम बनाई गई है –
मोटर यान प्रदूषण जांच केन्द्र स्कीम – 2005
1. परिभाषाएं –
(1) इस स्कीम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो –
(क) ‘’अधिनियम’’ से तात्पर्य मोटरयान अधिनियम, 1988 (सन् 1988 का अधिनियम संख्या 59) से है।
(ख) ‘’नियम’’ से तात्पर्य केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 से है।
(ग) ‘’प्ररूप’’ से तात्पर्य इस स्कीम के संलग्न प्ररूप से है।
(घ) ‘’प्रदूषण जांच केन्द्र’’ से तात्पर्य इस स्कीम के अधीन जिला परिवहन अधिकारी द्वारा अधिकृत केन्द्र से है, जिसमें मोबाईल प्रदूषण जांच केन्द्र भी सम्मिलित है ।
(ङ) ‘’प्रमाण-पत्र’’से तात्पर्य प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा मोटरयान स्वामी को नियम 115 के उप नियम (7) के अन्तर्गत जारी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र से है ।
(च) ‘’प्राधिकृत-पत्र’’ से तात्पर्य प्रदूषण जांच केन्द्र को मोटरयानों के प्रदूषण स्तर की जांच के संबंध में प्राधिकृत करने के लिए जारी किये गये प्राधिकार- पत्र से है।
(छ) ‘’प्राधिकृत अधिकारी’’ से तात्पर्य जिले के जिला परिवहन अधिकारी से है, और जहां एक से अधिक जिला परिवहन अधिकारी नियुक्त है वहां प्रादेशिक परिवहन अधिकारी द्वारा इस प्रयोजनार्थ मनोनीत जिला परिवहन अधिकारी से है ।
2. प्रदूषण जांच केन्द्र हेतु पात्रताएं –
(1) प्रदूषण जांच केन्द्रों के रूप में निम्नांकित श्रेणी की कोई भी ऐजेन्सी वर्णित शर्तो की पूर्ती के उपरान्त अधिकृत होगी –
(क) पेट्रोल पम्प
(ख) अधिकृत वाहन डीलर
(ग) वाहन निर्माता कम्पनी का अधिकृत वर्कशॉप स्वामी,
(घ) प्रदूषण जांच उपकरण निर्माता कम्पनी, जो सडक परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय या उसके द्वारा अधिकृत संस्था से अनुमोदित हो, का अधिकृत एजेन्ट या डीलर या
(ङ) प्रदूषण निरीक्षण उपकरण सुसज्जित मोटर यान के स्वामी।
(च) मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/डिग्री धारक बेरोजगार व्यक्त्िा।
(2) अधिकृत एजेन्सी द्वारा पूर्ण की जाने वाली शर्ते –
(अ) प्रदूषण जांच केन्द्र चलाने के लिए आवेदक या उसके कर्मचारी के पास न्यूनतम मेकेनिक (डीजल), मेकेनिकल (मोटर यान) का आईटीआई का प्रमाण- पत्र या समतुल्य अर्हता होनी चाहियेः परन्तु यदि आवेदक या उसके किसी कर्मचारी के पास ऑटो मोबाईल/मेकेनिकल इंजीनियरिंग में राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त डिप्लोमा या डिग्री हो तो उसे प्राधिकार पत्र अभिप्राप्त करने में प्राथमिकता दी जावेगी ।
(ब) आवेदक ऐजेन्सी को केन्द्रीय मोटर यान नियमों के अधीन अपेक्षाओं के अनुपालन में मोटर यान से उत्सर्जित होने वाले धुंए और गैस की जांच के लिए स्मोक मीटर (प्रिन्टर सहित) गैस एनलाईजर (प्रिन्टर सहित) और यानों की ट्यूनिंग के लिए आवश्यक उपकरण रखना होगा।
3. प्राधिकार- पत्र हेतु प्राधिकृत अधिकारी –
(1) इस आदेश के अधीन प्रदूषण जांच केन्द्र अथवा प्रदूषण नियंत्रक उपकरण फिटेड मोटरयान के रूप में अधिकृत करने हेतु आवेदक द्वारा संबंधित जिले के जिला परिवहन अधिकारी के समक्ष प्ररूप 1 में आवेदन प्रस्तुत किया जायेगा । आवेदन पत्र में पेट्रोल चलित अथवा डीजल चलित या दोनों प्रकार के वाहनों की जांच के लिए चाहे गये केन्द्र का उल्लेख किया जावेगा। आवेदन- पत्र के साथ निम्नांकित दस्तावेज भी संलग्न किये जायेंगें –
(क) पेट्रोल पम्प की स्थिति में संबंधित पैट्रोलियम कम्पनी का अनुशंषा पत्र अथवा अधिकृत वाहन डीलर या अधिकृत वर्कशाप की स्थिति में वाहन निर्माता कम्पनी द्वारा जारी प्रमाण पत्र की प्रतिअथवा, प्रदूषण जांच उपकरण की निर्माता कम्पनी के अधिकृत डीलर या एजेन्ट की स्थिति में ऐसी निर्माता कम्पनी द्वारा जारी प्रमाण पत्र की प्रति, मोबाईल प्रदूषण जांच केन्द्र की स्थिति में आवेदक के नाम पंजीकृत एवं प्रदूषण जांच मशीन से सुसज्जित वाहन के पंजीयन प्रमाण पत्र की प्रति ।
(ख) गैस ऐनेलाईजर (प्रिन्टर सहित) एवं स्मोक मीटर (प्रिन्टर सहित) जो केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 115 एवं 116 की अपेक्षाओं के अनुरूप हों, के क्रय के दस्तावेजों की प्रतियां ।
अथवा
इस आशय की अण्डरटेकिंग कि प्राधिकार – पत्र जारी होने के 15 दिन के भीतर वह उक्त उपकरण क्रय कर दसतावेजों की प्रतियां राज्य सरकार को प्रस्तुत कर देगा।
(ग) मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/डिग्री धारक बेरोजगार आवेदकों को डिप्लोमा/ डिग्री की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करनी होगी।
(2) आवेदन – पत्र प्राप्त होने पर जिला परिवहन अधिकारी द्वारा प्राधिकार पत्र प्ररूप 2 में जारी किया जायेगा ।
(3) प्राधिकृत पत्र प्रदान करने की फीस 2000/- रूपये प्रति केन्द्र अर्थात डीजल चलित एवं पेट्रोल चलित वाहनों के लिए पृथक – पृथक प्रभारित की जाएगी। यदि एक ही आवेदक डीजल चलित व पेट्रोल
चलित एवं वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए आवेदन करता है तो डीजल चलित व पेट्रोल चलित एवं वाहनों की जांच के लिए पृथक – पृथक प्राधिकार पत्र जारी किये जाएंगे। पेट्रोल , सीएनजी व
एलपीजी चलित वाहनों के प्रदूषण मानदण्ड समान होने के कारण पेट्रोल चलित वाहनों की प्रदूषण जांच करने वाले केन्द्र सीएनजी व एलपीजी चलित वाहनों की प्रदूषण जांच भी कर सकेंगें ।
(4) राज्य सरकार जिले में रजिस्ट्रीकृत मोटर यानों की संख्या को ध्यान में रखते हुए उस क्षेत्र में प्रदूषण जांच केन्द्रों की अधिकतम संख्या निर्धारित कर सकेंगी।
4. प्राधिकार पत्र की समयावधि एवं नवीनीकरण –
(1) प्रदूषण जांच केन्द्र के लिए जारी किया गया प्राधिकार पत्र दो वर्ष के लिए विधिमान्य होगा और उसे प्राधिकृत अधिकारी द्वारा दो वर्ष की समयावधि के लिए नवीनीकृत किया जा सकेगा।
(2) प्राधिकार पत्र के नवीनीकरण हेतु 2000/- रूपये फीस ली जावेगी। नवीनीकरण आवेदन निर्धारित फीस के साथ विधिमान्यता की समयावधि के समाप्त होने के पूर्व 30 दिन समयावधि के भीतर प्रस्तुत किया जायेगा। विधिमान्यता की समयावधि के समाप्त होने के पश्चात प्राधिकार पत्र स्वतः समाप्त माना जावेगा। बिना नवीनीकरण कराये गये यदि कोई प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तो व अवैधानिक माना जावेगा तथा केन्द्र के विरूद्व भारतीय दण्ड संहिता तथा अन्य नियमों के अन्तर्गत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकेगी/ जांच केन्द्र को ब्लैक लिस्ट किया जावेगा, जिसकी सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई जावेगी।
(3) प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किसी जांच केन्द्र को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात लिखित में दिये गये कारण से जांच केन्द्र के प्राधिकार पत्र के नवीनीकरण से इन्कार किया जा सकता है।
(4) प्राधिकृत / प्रदूषण जांच केन्द्र का स्वामी अपना प्राधिकार पत्र किसी भी समय जिला परिवहन अधिकारी को समर्पित कर सकेगा और ऐसे समर्पण के दिनांक से वह प्राधिकार पत्र निरस्त माना जायेगा परन्तु केन्द्र द्वारा जमा करायी गयी कोई राशि वापिस नहीं की जायेगी और जारी किये जाने वाले प्रदूषण प्रमाण पत्र मय स्टीकर (अनुपयोगी) राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन को वापिस लौटाकर विभाग को सूचित करेगें।
(5) प्राधिकार की डुप्लीकेट प्रति जारी करना – प्रदूषण जांच केन्द्रों को पूर्व में जारी प्राधिकार पत्र कट – फट जाने, नष्ट हो जाने या खो जाने पर जांच केन्द्र के स्वामी द्वारा 10/- रूपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र प्रस्तुत करने एवं रूपये 2000/- फीस जमा कराने पर डुप्लीकेट पत्र जारी किया जावेगा।
5. प्राधिकार पत्र का निलम्बन / रद्दकरण एवं शास्ति -
(1) यदि जिला परिवहन अधिकारी या प्राधिकृत अधिकारी को यह समाधान हो जाता है कि इस स्कीम के अधीन प्राधिकृत कोई प्रदूषण जांच केन्द्र, अधिनियम या उसके अधीन बनाये गये नियमों के उपबन्धों तथा प्राधिकार पत्र की शर्तो का अनुपालन नहीं करता है तो प्राधिकृत अधिकारी ऐसी जांच, जैसा कि वह उचित समझे, करने के पश्चात और प्राधिकार पत्र धारक को सुनवाई का उचित अवसर देने के पश्चात, आदेश द्वारा प्राधिकार पत्र को रद्द / निलंबित कर सकेगें अथवा निम्नलिखित अनियमितताओं के लिए सारणी में वर्णित शास्ति आरोपित कर सकेगें अथवा प्राधिकार पत्र निरस्त करने के साथ-साथ शास्ति भी आरोपित कर सकेगें –
सारणी
क्र. सं. |
अनियमितताओं का ब्यौरा |
न्यूनतम शास्ति (रूपयों में) प्रथम अवसर पर |
अधिकतम शास्ति (रूपयों में) पश्चावृति अनियमितता पर |
1 |
2 |
3 |
4
|
1. |
जांच केन्द्र के प्राधिकृत किये जाने का प्रमाण-पत्र सहज दृश्य स्थान पर नहीं लगाना |
100/- |
200/- |
2. |
वाहन जनित प्रदूषण के निर्धारित मानकों को बडे़ अक्षरों में सहज दृश्य स्थान पर नहीं लगाना। |
100/- |
200/- |
3. |
जांच केंन्द्र के कार्यकारी समय व साप्ताहिक अवकाश के दिवस की सूचना सहज दृश्य स्थान पर नहीं लगाना। (प्रतिदिन कार्य का न्यूनतम समय आवश्यक रूप से 10 बजे से प्रातः 5 बजे सांय तक रखा जायेगा ।) |
100/- |
200/- |
4. |
प्राधिकार पत्र में दिये गये कार्यस्थल में जिला परिवहन अधिकारी की अनुमति के बिना परिवर्तन करना। |
500/- |
1000/- |
5. |
वाहनों की जांच का रिकॉर्ड निर्धारित प्रपत्र में नहीं रखना। |
500/- |
1000/- |
6. |
जांच हेतु आने वाले अधिकारियों को वांछित रिकार्ड उपलब्ध नहीं करवाना। |
500/- |
1000/- |
7. |
शर्तो के अनुसार प्राधिकार पत्र का नवीनीकरण किये बिना ही जांच केन्द्र जारी रखना। |
1000/- |
2000/- |
8. |
वाहन जो प्रदूषण जांच केन्द्र पर आता है, उसके चालक के चाहने पर प्रदूषण की जांच से इन्कार करना या जांच में सही पाये जाने पर भी प्रमाण पत्र जारी करने से इन्कार करना। |
100/- |
200/- |
9. |
जांच केन्द्र पर सहज दृश्य स्थान पर बडे़ अक्षरों में यह प्रदर्शित नहीं करना कि प्रदूषण जांच से असंतुष्ट होने अथवा इससे संबंधित किसी भी शिकायत को अंकित करने के लिए जांच केन्द्र पर सुझाव एवं शिकायत- पंजिका उपलब्ध है अथवा सुझाव एवं शिकायत-पुस्तिका सहज दृश्य एवं समुचित स्थान पर उपलब्ध नहीं कराना अथवा उक्त पुस्तिका के पृष्ठ क्रम संख्यांकित नहीं रखना। |
250/- |
500/- |
10. |
वाहन का बिना निरीक्षण किये या प्रदूषण स्तर निर्धारित मापदण्ड से अधिक होने पर भी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण – पत्र जारी करना। |
500/- |
1000/- |
11 |
प्रदूषण जांच केन्द्र पर वाहनों की प्रदूषण जांच हेतु अधिकृत व्यक्त्िा से भिन्न व्यक्त्िा से जांच कार्य कराना। |
500/- |
1000/- |
12 |
विभागीय निर्देशों के अनुसार निर्धारित सूचना निर्धारित समय पर प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत नहीं करना। |
250/- |
500/- |
13 |
प्रदूषण जांच के लिए वाहनों के स्वामियों से निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूल करना। |
1000/- |
2000/- |
14 |
आरपीडीए द्वारा आवंटित स्टेशनरी से भिन्न प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण- पत्र अथवा स्टीकर वाहन स्वामी को जारी करना। |
1000/- |
2000/- |
15 |
वाहनों की जांच के बाद प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण – पत्र के साथ वाहन स्वामी को प्रिन्टर की रसीद भी देनी होगी। इस शर्त की पालना नहीं करना। |
250/- |
500/- |
16 |
प्रदूषण जांच यंत्र का समुचित रख-रखाव नहीं करना एवं खराब प्रदूषण जांच यंत्र से जांच कार्य करना। |
1000/- |
2000/- |
(2) उपरोक्त सारणी में वर्णित शास्ति प्रत्येक अनियमितता के लिए पृथक – पृथक होगी लेकिन एक निरीक्षण के समय पायी गयी सभी प्रकार की अनियमितताओं के लिए शास्ति की कुल राशि 10,000/- रूपये से अधिक नहीं होगी।
(3) अनियमितताओं की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये जांच केन्द्र प्रभारी के विरूद्व संबंधित नियमों के तहत अपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया जा सकेगा।
(4) यदि विभाग के किसी निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा अचानक निरीक्षण के समय किसी वाहन की जांच हेतु प्रदूषण जांच केन्द्र को कोई शुल्क अदा किया जाता है तो यह शुल्क प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा ऐसे निरीक्षणकर्ता अधिकारी को लौटाया जायेगा जिसके विषय में कार्यवाही विवरण भी अभिलिखित किया जायेगा।
(5) प्राधिकृत अधिकारी द्वारा की गई किसी भी कार्यवाही अथवा निर्णय से यदि प्रदूषण जांच केन्द्र सहमत नहीं है तो 30 दिन की अवधि के भीतर वह उस क्षेत्र के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को अपील कर सकेगा। यदि प्रादेशिक परिवहन अधिकारी द्वारा अपील में पारित किये गये निर्णय से भी जांच केन्द्र संतुष्ट नहीं है तो प्रादेशिक अधिकारी के निर्णय के 30 दिन के भीतर वह परिवहन आयुक्त को अपील कर सकता है, विशेष परिस्थितियों में अपील दायर करने से हुये विलम्ब के लिए अपीलीय अधिकारी विलम्ब को क्षमा (माफ) कर सकेंगें। जिसका निर्णय अंतिम होगा।
6. अपील प्राधिकारी – मोटर वाहन प्रदूषण जांच के केन्द्र स्कीम 2005 की धारा 4 (3) एवं 5 के अन्तर्गत नवीनीकरण से इंकार करने, निलम्बन करने, रद्दकरण की स्थिति में संबंधित अपील सुनने वाला प्राधिकृत अधिकारी होगा। द्वितीय अपील अथवा रिवीजन परिवहन आयुक्त द्वारा सुनी जावेगी। परिवहन आयुक्त का निर्णय अन्तिम होगा।
7. प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र –
(1) प्राधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्र पेट्रोल चलित तथा डीजल चलित वाहनों के लिए प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र जारी करेगा जो 6 मास के लिए विधिमान्य होगा।
(2) प्रमाण पत्र एवं स्टीकर जारी करने के लिए प्राधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्र का स्वामी यान के स्वामी से निम्नलिखित दरों पर फीस प्रभारित करेगा –
(क) पेट्रोल चलित 2 पहिया वाहनों के लिए प्रति वाहन - 20/- रूपये
(ख) पेट्रोल चलित 3 पहिया वाहनों के लिए प्रति वाहन - 30/- रूपये
(ग) पेट्रोल चलित 4 पहिया वाहनों के लिए प्रति वाहन - 25/- रूपये
(घ) डीजल चलित समस्त वाहनों के लिए प्रति वाहन - 50/- रूपये
(ड़) एलपीजी/सीएनजी वाहनों के लिए प्रति वाहन - 20/- रूपये
(3) प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र के साथ स्टीकर भी जारी किया जाएगा। जिसको चार पहिया/ तिपहिया यान के विन्डस्क्रीन पर चिपकाने के लिए प्रदाय किया जाएगा। दुपहिया वाहन में स्टीकर वाहन की बॉडी के सामने के भाग पर चिपकाया जावेगा।
8. प्रदूषण जांच केन्द्र का निरीक्षण –
(1) प्रत्येक प्रदूषण जांच केन्द्र का वर्ष में कम से कम दो बार आवश्यक रूप से निरीक्षण किया जावेगा । निरीक्षण कार्य परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी, जो परिवहन उप निरीक्षक से निम्न स्तर का न हो द्वारा किया जा सकेगा और ऐसे प्रत्येक निरीक्षण की निरीक्षण रिपोर्ट संबंधित जिला/प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को भेजगा।
(2) निरीक्षण अधिकारी, निरीक्षण के दौरान यह निरीक्षण करेगा कि अधिनियम, उसके अधीन बनाये गये नियमों और प्राधिकार पत्र की शर्तो का अनुपालन, प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा किया जा रहा है या नहीं।
9. रजिस्टर का संधारण –
(1) संबंधित जिले के जिला परिवहन अधिकारी द्वारा प्राधिकृत किये गये प्रदूषण जांच केन्द्रों के ब्यौरे, प्ररूप 3 में रजिस्टर में संधारित किये जायेंगे।
(2) प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा प्रत्येक तिमाही की समाप्ति के 7 दिवस के भीतर वाहनों के प्रदूषण जांच कार्य का विवरण प्ररूप – 4 में जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय को भेजा जावेगा।
10. निर्देशों का अनुपालन – राज्य सरकार अथवा परिवहन आयुक्त इस स्कीम के सुचारू रूप से संचालन की दृष्टि से प्राधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्रों को समय-समय पर आवश्यक निर्देश दे सकेंगें और ऐसे प्रसारित निर्देशों का पालन प्रदूषण जांच केन्द्र के लिए बाध्यकारी होगा।
11. अपील का तरीका – अपील एक ज्ञापन के रूप में दो प्रतियों में होगी, जिसमें जिला परिवहन अधिकारी के आदेश के विरूद्व एतराज के आधार दिये जाऐगें और उसके साथ जिस आदेश की अपील की गई है, उसकी मूल प्रति या प्रमाणित प्रति संलग्न करनी होगी एवं राजस्थान मोटर यान नियम, 1990 के नियम 2.29 में बताई गई समुचित फीस देनी होगी।
12. जांच केन्द्रों द्वारा उपयोग में लायी जाने वाली स्टेशनरी –
(1) विभाग द्वारा निर्धारित प्ररूप में प्रमाण – पत्र, रजिस्टर आदि स्टेशनरी राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन द्वारा मुद्रित कराई जावेगी जो अधिकृत किये गये जांच केन्द्र को उसके द्वारा गैस एनालाईजर /स्मोक मीटर के क्रय किये जाने की रसीद प्रस्तुत करने पर ही राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन द्वारा आवंटित की जायेगी ।
(2) जांच केन्द्र द्वारा प्रमाण – पत्र जारी करने, रसीद जारी करने आदि के लिए केवल राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन द्वारा आवंटित स्टेशनरी ही प्रयुक्त की जावेगी।
(3) स्टीकर एवं प्रमाण – पत्र के प्रारूप क्रम संख्यांकित होंगे।
(4) जांचे गये वाहनों के विवरण को अंकित करने के लिए प्ररूप – 3 में रजिस्टर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन द्वारा प्रमाणित किया जाकर जांच केन्द्र को आवंटित् किया जावेगा।
(5) जांच केन्द्र द्वारा स्टेशनरी की मांग राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन को 15 दिन पूर्व सूचित करनी होगी ।
(6) जांच केन्द्र को जारी की जाने वाली स्टेशनरी का लेखा – जोखा प्रमाण – पत्रों एवं स्टीकरों के क्रम संख्यांक सहित राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को नियमित रूप से प्रेषित किया जावेगा। प्राधिकृत अधिकारी प्रत्येक जांच केन्द्र को आवंटित ऐसी स्टेशनरी का लेखा – जोखा राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर अपने कार्यालय में संधारित करेगा।
(7) राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन द्वारा प्रदूषण जांच केन्द्रों को जारी की गई स्टेशनरी की सूचना आयुक्त परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग को त्रैमासिक संलग्न प्ररूप – 7 में प्रेषित की जावेगी ।
13. वाहनों की जांच की मासिक प्रगति रिपोर्ट –
(1) प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा प्रत्येक तिमाही की समाप्ति के पश्चात 7 दिवस के भीतर वाहनों के प्रदूषण जांच कार्य का विवरण प्ररूप – 4 में प्राधिकृत अधिकारी को प्रेषित किया जावेगा।
(2) प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा प्ररूप – 3 में एक रजिस्टर में जांच किये गये वाहनों का विवरण अंकित किया जावेगा ।
(3) प्राधिकृत अधिकारी प्रत्येक तिमाही की समाप्ति के 10 दिन के भीतर प्ररूप – 4 में संकलित सूचना प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को भेजेगा और प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अपने अधीनस्थ प्राधिकृत अधिकारियों से प्राप्त सूचना के आधार पर प्रत्येक त्रैमास की समाप्ति पर 15 तारीख तक संकलित सूचना जिलेवार परिवहन आयुक्त को प्रेषित करेगा।
14. प्रदूषण जांच कार्य के लिए अधिकृत व्यक्त्िा –
(1) गैस एनालाइजर या स्मोक मीटर से जांच का कार्य प्रदूषण जांच केन्द्र पर कार्यरत केवल ऐसे व्यक्ति द्वारा ही किया जावेगा जो इस कार्य के लिए समुचित प्रशिक्षण प्राप्त है तथा बिन्दु संख्या 2 (2) में निर्धारित योग्यता रखता है ।
(2) जांच केन्द्र द्वारा जारी किये जाने वाले प्रत्येक प्रमाण – पत्र व स्टीकर पर उस अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर होंगे जिसके नमूने के हस्ताक्षर प्राधिकृत अधिकारी के कार्यालय को प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा पूर्व में ही उपलब्ध कराये जा चुके हैं।
(3) प्राधिकार पत्र प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर और जांच कार्य करने से पूर्व जांच केन्द्र द्वारा अधिकतक 3 व्यक्तियों के नाम एवं उनके नमूने के हस्ताक्षर प्ररूप – 5 में 3 प्रतियों में प्राधिकृत अधिकारी को प्रेषित किये जायेंगे।
(4) जांच केन्द्र द्वारा अधिकृत व्यक्तियों की सूची में कोई परिवर्तन किये जाने की स्थिति में शामिल किये गये व्यक्त्िा के नमूने के हस्ताक्षर और नाम तथा हटाये गये व्यक्ति के नाम की सूचना प्राधिकृत अधिकारी को तुरन्त दी जावेगी । प्राधिकृत आधिकारी को सूचित किये बिना किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रमाण – पत्र जारी किये जाने पर वह वैद्य नहीं माना जावेगा। जांच केन्द्र को अधिकृत व्यक्तियों की सूची एवं उनके नमूने के हस्ताक्षर प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत किये जाने का प्रमाण अपने पास उपलब्ध रखना होगा ।
(5) जांच केन्द्र द्वारा प्रमाण – पत्र व स्टीकर की सभी प्रविष्टियां सुपाठ्य हस्तलेख में लिखी जावेगी, प्रमाण – पत्र में सभी अपेक्षित विशिष्टियों को पूर्ण किया जावेगा और कोई अधूरा प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जावेगा।
(6) जांच केन्द्र द्वारा प्रमाण – पत्र के विभाग द्वारा निर्धारित प्रपत्र से भिन्न प्रपत्र में कोई प्रमाण – पत्र जारी नहीं किया जावेगा।
15. वाहनों के प्रदूषण जांच की प्रक्रिया –
(1) प्रदूषण जांच करने हेतु स्वामी द्वारा प्रदूषण जांच केन्द्र अथवा प्रदूषण नियंत्रण उपकरण फिटेड मोटर यान पर वाहन प्रस्तुत करना होगा । जांच केन्द्र द्वारा गैस एनालाईजर या यथास्थिति, स्मोक मीटर से वाहन के प्रदूषण स्तर की जांच की जायेगी और प्रदूषण स्तर के माप का गैस एनालाइजर / स्मोक मीटर पर लगे हुये प्रिन्टर से प्रिन्ट लिया जायेगा। यदि माप अधिकतम उत्सर्जन प्रदूषण सीमा तक हो तो निर्धारित प्रपत्र में प्रमाण – पत्र जो क्रम संख्यांकित होगा, जारी किया जायेगा जिसके साथ प्रदूषण स्तर की माप का प्रिंट भी संलग्न किया जायेगा। प्रमाण- पत्र पर जांच केन्द्र की कोड़ संख्या अंकित की जायेगी। प्रमाण – पत्र की प्रथम प्रति वाहन स्वामी को दी जाकर कार्यालय प्रति जांच केन्द्र पर रखी जायेगी ।
(2) जांच केन्द्र द्वारा प्रमाण – पत्र जारी किये जाने पर जांच किये गये वाहन पर क्रम संख्याकिंत किया हुआ स्टीकर भी लगाया जायेगा। स्टीकर पर जांच केन्द्र का कोड़ नम्बर अंकित होगा एवं जिस माह तक इसकी वैधता है , उस माह को पंच किया जाकर जारी किया जायेगा।
(3) प्रमाण-पत्र और स्टीकर जारी करने से पूर्व जांच केन्द्र द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वाहन का प्रदूषण स्तर नियम 115 के प्रावधानों के अन्तर्गत निर्धारित मापकों के अनुरूप है ।
(4) यदि वाहन में उत्सर्जित प्रदूषण अधिकतम सीमा से अधिक है तो प्रदूषण जांच केन्द्र द्वारा वाहन के रजिस्टर में फ्यूल मिक्सचर का एडजेस्टमेंट किया जायेगा जिसके लिये पृथक से कोई फीस नहीं ली जायेगी। यदि इसके उपरांत भी प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानक सीमा से अधिक आता हो तो ऐसे वाहन की जांच की फीस निर्धारित फीस की आधी होगी लेकिन वाहन स्वामी को स्टीकर और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जायेगा।
(5) जांच केन्द्र के परिसर में मोटर वाहनों के अन्दर आने और बाहर जाने हेतु समुचित व्यवस्था इस प्रकार की जायेगी कि परिसर के आस-पास सार्वजनिक मार्ग पर यातायात अवरूद्व न हो तथा परिसर के अन्दर वाहनों के प्रदूषण संबंधी जांच क्रमानुसार सुविधापूर्वक सम्पन्न हो सके। प्रदूषण संबंधी जांच सार्वजनिक मार्ग पर नहीं होकर जांच केन्द्र के परिसर में ही की जायेगी।
(6) यदि प्राधिकार – पत्र निरस्त अथवा निलम्बित कर दिया जाता है तो वाहनों को प्रमाण – पत्र एवं स्टीकर जारी करने का कार्य जांच केन्द्र द्वारा तत्काल बंद कर दिया जायेगा।
16. प्रमाण पत्र धारी वाहनों की पुनः जांच –
(1) प्रथम दृष्टया अधिक धुआं छोड़कर चलते पाये जाने वाले प्रमाण – पत्र धारी किसी वाहन की प्रदूषण संबंधी पुनः जांच पुलिस विभाग एवं परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के सक्षम अधिकारियों के निर्देश पर मौके पर की जा सकेगी। ऐसी पुनः जांच में वाहन का प्रदूषण स्तर यदि निर्धारित मानकों से अधिक पाया जाता है तो निरीक्षणकर्ता अधिकारी उक्त वाहन का प्रमाण – पत्र निरस्त कर देगा जिसके लिए प्रमाण – पत्र पर ही इस आशय की तिथि सहित अंकन करेगा और प्रमाण – पत्र के पीछे की ओर वाहन स्वामी को निर्देश भी अंकित करेगा कि वह 7 दिवस में वाहन का प्रदूषण स्तर सही कराकर पुनः वैद्य प्रमाण – पत्र प्राप्त करें तथा प्रमाण – पत्र संबंधित जिला परिवहन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
(2) प्रमाण – पत्र धारी वाहन यदि उप – पैरा (1) के अन्तर्गत मौके पर जांच के समय प्रदूषण स्तर के निर्धारित मानकों के अनुकूल नहीं पाया जाता है तो ऐसे वाहन चालक से पैरा 8 में निर्धारित फीस की आधी फीस ही संबंधित जांच केन्द्र द्वारा वसूल की जायेगी परन्तु निर्धारित मानकों के अन्तर्गत पाये गये वाहन के चालक से कोई फीस वसूल नहीं की जायेगी।
17. प्रदूषण जांच उपकरणों का समुचित रख- रखाव –
(1) जांच केन्द्र द्वारा प्रदूषण जांच संबंधी उपकरण सही स्थिति में रखे जायेंगे। यदि किसी समय गैस एनालाइजर / स्मोक मीटर आदि उपकरण नियमों की अपेक्षाओं के अनुरूप न हो तो वाहनों के प्रदूषण जांच कार्य निलंबित कर दिया जायेगा एवं वाहनों को प्रमाण – पत्र जारी नहीं किया जायेगा।
(2) प्रदूषण जांच उपकरण सही रूप से कार्यरत रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदूषण जांच केन्द्र को गैस एनालाइजर / स्मोक मीटर (प्रिन्टर सहित) के समुचित रख- रखाव हेतु विधिवत अनुबंध करना होगा।
18. प्राधिकार – पत्र को स्वीकृत या नवीनीकृत करने की फीस तथा शास्ति की राशि को राजकोष में जमा कराना – प्रदूषण जांच केन्द्र को स्वीकृत करने के लिए पैरा 3 के उप पैरा (1) के अन्तर्गत जमा करायी गयी फीस अथवा नवीनीकरण के लिए पैरा 4 के उप पैरा (2) व (3) के अन्तर्गत जमा करायी गयी फीस अथवा पैरा 15 के अन्तर्गत वसूल की गयी शास्ति की राशि को राजकोष ( मद 0041- वाहन कर) में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जमा कराया जावेगा।
19. शिकायत व्यवस्था -
(1) प्रदूषण जांच व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक जांच केन्द्र पर पता लिखे डाक टिकिट सहित पोस्टकार्ड राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन द्वारा उपलब्ध कराये जावेगें। वाहन की प्रदूषण जांच के लिए आने वाले किसी भी वाहन स्वामी द्वारा मांगे जाने पर उसको शिकायती पोस्टकार्ड निःशुल्क उपलब्ध कराया जावेगा। पोस्टकार्ड संबंधित प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को संबोधित होंगे। इसकी जानकारी भी जांच केन्द्र पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जायेगी। प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में प्राप्त होने वाले पोस्टकार्डो को अलग से रजिस्टर में अंकित कर प्रदूषण नियंत्रण उड़नदस्ते से शिकायत की जांच एक सप्ताह में कराई जावेगी। शिकायत सही पाई जाने पर जांच केन्द्र के विरूद्व कार्यवाही की जावेगी। प्रत्येक शिकायत की जांच का परिणाम शिकायतकर्ता को भिजवाया जावेगा।
(2) प्रदूषण जांच केन्द्र - प्रदूषण जांच केन्द्र वाहन स्वामियों की शिकायतों एवं उनके सुझाव प्राप्त करने हेतु एक शिकायत /सुझाव पंजिका रखेगा जो वाहन स्वामी को चाहे जाने पर उपलब्ध कराई जायेगी। जांच केन्द्र द्वारा सहजदृश्य स्थान पर आम सूचना के लिए यह भी प्रदर्शित किया जावेगा कि जांच केन्द्र पर शिकायत/सुझाव पुस्तिका उपलब्ध है और कोई वाहन स्वामी के प्रदूषण स्तर की जांच के संबंध में असंतुष्ट है तो वह अपने सुझाव या शिकायत उक्त पुस्तिका में अंकित कर सकता है। उप पैरा (1) में शिकायत के लिए पोस्टकार्डो बाबत की गई व्यवस्था की भी सूचना प्रदर्शित की जावेगी।
20. निर्देशों की पालन – राज्य सरकार अथवा परिवहन आयुक्त इस आदेश के सुचारू रूप से संचालन की दृष्टि से प्राधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्रों को समय – समय पर आवश्यक निर्देश दे सकेंगें और ऐसे प्रसारित निर्देशों का पालन प्रदूषण जांच केन्द्र के लिए बंधनकारी होगा।
21. अनुदेश तथा निर्देश जारी करने की परिवहन आयुक्त की शक्त्िा –
(1) इस आदेश के उपबंधों में से किसी का स्पष्टीकरण करने के लिए,
(2) किसी ऐसी कठिनाई को दूर करने के लिए जो किन्ही ऐसे उपबंधों के कार्यान्वयन के संबंध में उत्पन्न हो, तथा
(3) प्रदूषण जांच केन्द्र के रूप में प्राधिकृत करने के संबंध में जिसके लिए इस आदेशों में कोई उपबंध नहीं है या अपर्याप्त है, तथा जिसके लिए उपबंध करना आवश्यक समझा जावे, अनुदेश तथा निर्देश जारी कर सकेंगें।